आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब आप ने हाल ही में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होने की संभावना है।
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन नहीं होगा। आप अकेले चुनाव लड़ेगी और तीसरी बार सरकार बनाएगी।”
कांग्रेस भी सभी 70 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
इससे दो दिन पहले कांग्रेस के नेता देवेंद्र यादव ने भी कहा था कि उनकी पार्टी सभी 70 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन पार्टी ने आप और बीजेपी पर “कुशासन” का आरोप लगाया। यादव ने कहा, “दिल्ली में बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है। गरीबों को राशन कार्ड नहीं दिया जा रहा। सड़कों की हालत खराब है। प्रदूषण नियंत्रण से बाहर है। महंगाई से महिलाएं परेशान हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। मोहल्ला क्लीनिक सिर्फ दिखावे के लिए खोले गए हैं। यही है केजरीवाल मॉडल।”
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आप का प्रदर्शन और चुनौतियां
2015 के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। वहीं, बीजेपी ने सिर्फ 8 सीटें जीती थीं और कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी। हालांकि, इस साल हुए लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। दोनों पार्टियों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी ने दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की।
केजरीवाल पर हमला और कानून-व्यवस्था का मुद्दा
केजरीवाल ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैंने गृह मंत्री अमित शाह से कानून-व्यवस्था पर कार्रवाई की उम्मीद की थी, लेकिन उसके बजाय मुझ पर हमला हुआ। कल मेरी पदयात्रा के दौरान मुझ पर एक व्यक्ति ने तरल पदार्थ फेंकने की कोशिश की।”
दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हमलावर के पास एक हाथ में स्पिरिट और दूसरे हाथ में माचिस थी। उन्होंने इसे केजरीवाल को नुकसान पहुंचाने की साजिश करार दिया।
आगामी चुनावों के लिए सियासी मुकाबला
आप और कांग्रेस के अलग-अलग चुनाव लड़ने के फैसले से आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में बदल सकते हैं। बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच यह चुनाव राजधानी की राजनीति को नया स्वरूप दे सकता है।