ऑक्सफोर्ड का 2024 का शब्द: ‘ब्रेन रॉट’ और इसका डिजिटल युग में महत्व

आज के दौर में, जब सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम रील्स और टिकटॉक हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं, “ब्रेन रॉट” शब्द का उभरना हैरान नहीं करता। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने इसे 2024 का “वर्ष का शब्द” घोषित किया है। यह शब्द हमारे डिजिटल आदतों और उनकी मानसिकता पर पड़ने वाले प्रभावों को बखूबी बयान करता है।

2023 से 2024 के बीच इस शब्द का उपयोग 230% बढ़ा, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यह आधुनिक समाज की भाषा में एक स्थायी स्थान बना चुका है। लेकिन सवाल यह है कि ब्रेन रॉट का असली मतलब क्या है और यह इतनी तेजी से कैसे चर्चा में आ गया?

ब्रेन रॉट: क्या है इसका मतलब?

ऑक्सफोर्ड इसे परिभाषित करता है:
“ब्रेन रॉट वह स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति की मानसिक क्षमता या सोचने की शक्ति कमजोर हो जाती है, खासकर तब, जब वह लगातार तुच्छ और बेमतलब की सामग्री का उपभोग करता है, विशेष रूप से ऑनलाइन।”

यह शब्द हालांकि डिजिटल युग में सुर्खियों में आया, लेकिन इसका इतिहास 19वीं सदी तक जाता है। 1854 में, प्रसिद्ध दार्शनिक और लेखक हेनरी डेविड थॉरो ने अपनी किताब वाल्डेन में इसे एक सामाजिक समस्या के रूप में पेश किया। उन्होंने लिखा:

“जब इंग्लैंड आलू की सड़न को ठीक करने में लगा हुआ है, तो क्या कोई मस्तिष्क-सड़न को ठीक करने का प्रयास करेगा, जो कहीं अधिक गंभीर है?”

थॉरो की यह बात आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी तब थी। डिजिटल दुनिया में हम जिस प्रकार समय बर्बाद करते हैं और अनगिनत वीडियो या पोस्ट के चक्रव्यूह में उलझ जाते हैं, यह स्थिति उसी का एक आधुनिक संस्करण है।

डिजिटल दुनिया में ब्रेन रॉट की लोकप्रियता

ब्रेन रॉट का उभरना खासकर Gen Z और Gen Alpha की देन है, जो इस शब्द को सोशल मीडिया के जरिए आम बोलचाल में ले आए। शुरू में यह एक मजाकिया स्लैंग के रूप में इस्तेमाल हुआ, लेकिन अब यह हमारी डिजिटल आदतों पर एक गहरा सामाजिक संदेश देता है।

कुछ विशेषज्ञ इसे तुच्छ सामग्री के अत्यधिक उपभोग से होने वाले मानसिक प्रभाव से जोड़ते हैं। लेकिन ऑक्सफोर्ड के मनोवैज्ञानिक एंड्रयू प्रज़िबिल्स्की इसे अलग नजरिए से देखते हैं।
उनका कहना है:

“ब्रेन रॉट एक वास्तविक स्थिति नहीं है। यह हमारी डिजिटल दुनिया को लेकर असंतोष और चिंता का प्रतीक है।”

ब्रेन रॉट: समाज की चिंताओं का प्रतीक

ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज के प्रमुख कैस्पर ग्रैथवोल का मानना है कि “ब्रेन रॉट” शब्द का उभार इस बात को दर्शाता है कि हम डिजिटल जीवन के प्रभावों को लेकर कितने सजग हो रहे हैं।

“यह शब्द वर्चुअल जीवन के संभावित खतरों और हमारी खाली समय की आदतों पर एक सवाल खड़ा करता है।”

खास बात यह है कि यह शब्द युवा पीढ़ी की विडंबनात्मक समझ का प्रतीक भी है। जो प्लेटफॉर्म ब्रेन रॉट के लिए जिम्मेदार कहे जाते हैं, वही इसे लोकप्रिय भी बना रहे हैं।

अन्य शब्द जो ब्रेन रॉट से पीछे रह गए

“ब्रेन रॉट” ने “वर्ष का शब्द” बनने के लिए पांच और मजबूत दावेदारों को हराया:

  1. डिम्योर (Demure): एक शांत और सरल व्यक्तित्व, जो 2024 में टिकटॉक पर वायरल हुआ।
  2. डायनेमिक प्राइसिंग (Dynamic Pricing): मांग के आधार पर कीमत तय करने की प्रक्रिया, जो ई-कॉमर्स में तेजी से लोकप्रिय हुई।
  3. लोर (Lore): किसी विषय की पृष्ठभूमि की जानकारी, जिसे फैंडम्स और गेमिंग में पसंद किया गया।
  4. रोमैन्टसी (Romantasy): रोमांस और फैंटेसी का संगम, जो किताबों और फिल्मों में खूब चर्चित रहा।
  5. स्लॉप (Slop): निम्न-गुणवत्ता वाली सामग्री, जिसे अक्सर एआई से जोड़ा जाता है।

इन शब्दों ने भी 2024 के सांस्कृतिक बदलावों और डिजिटल जीवन पर चर्चा को उजागर किया।

डिजिटल युग का ब्रेन रॉट: चेतावनी या बदलाव की पुकार?

ब्रेन रॉट शब्द मजाकिया लग सकता है, लेकिन यह डिजिटल युग की गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे डिजिटल लत, ध्यान की कमी और मानसिक थकावट से जोड़ते हैं।

इसके समाधान में डिजिटल डिटॉक्स, स्क्रीन समय सीमित करना, और गुणवत्तापूर्ण सामग्री का चयन शामिल है।

अंत में: ब्रेन रॉट क्यों है महत्वपूर्ण?

“ब्रेन रॉट” का चयन सिर्फ एक शब्द के रूप में नहीं, बल्कि समाज के बदलते रवैये को समझने के लिए किया गया है। यह हमें याद दिलाता है कि तकनीक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन जरूरी है।

आखिर में, थॉरो का यह सवाल आज भी हमें सोचने पर मजबूर करता है:
क्या हम अपने मस्तिष्क की इस सड़न को ठीक करने का प्रयास करेंगे, या इसे यूं ही नजरअंदाज कर देंगे?

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